Ibuz २०१० एक अविस्मरनीय आयोजन

पिछले शनिवार याने की ३० जनवरी २०१० को मेरी कंपनी InfoBeans का वार्षिक आयोजन हुआ था.यहाँ मै मेरी कंपनी इसके लिए लिख रहा हूँ क्योंकि मै आपने आप को InfoBeans से अलग नहीं मानता .

खैर ये तो बात हुई मेरे विचारो की पर मै यदि ये कहू की ऐसे सब के विचार है तो आपके लिए ये मानना थोडा भी मुश्किल नहीं होना चाहिए क्योंकि यहाँ सभी लोग एक परिवार की तरह रहते हैं एक दुसरे से अपने सुख दुःख बांटते है और एक दुसरे को चिढाते भी है ठीक वैसे ही जैसे एक परिवार में होता है.

मेरी कंपनी की एक और बात जो हमें एक परिवार बनाती है वो ये है की यहाँ कोई भी छोटा या बड़ा नहीं है सब बराबर है. जब हम काम कर रहे होते हैं तब बात और होती है लेकिन जब बात होती है मस्ती की या किसी और बात की तो यहाँ राजा और रंक कोई नहीं होता सभी एक परिवार का हिस्सा है. ये बाते मैंने नहीं मेरे पिता जी नहीं कही है.

मै ज्यादा यहाँ वहा की बाते न करते हुए कोशिश करता हूँ इस आयोजन को चित्रित करने की

सुबह हम लोगो ने शुरुवात की शानदार नाश्ते के साथ, और उसके बाद शुरू हुआ न रुकने वाले शानदार Performances का सिलसिला. जो की ३ बजे तक चलता रहा. सुबह के इन कार्यक्रमों में कुछ लोगो ने standup comedy कर के लिए का दिल जीता, तो आशीष जैन ने डांस कर के लोगो से ढेरो तालिया बजवाई. अलग अलग दलों ने InfoBeans २०२० में कैसी होगी इसका चित्रण करते हुए अपनी कल्पना शक्ति का परिचय दिया ही सभी को गुदगुदाया और हंसाया भी बहोत .

कोई २०२० में InfoBeans में फिल्म कलाकारों से काम करा रहा था तो कोई यमराज के लिए सॉफ्टवेर बना रहा था,
कोई तकनीक का नया रूप दिखा रहा था तो कोई तकनीकी रोबोट्स से सर टकरा रहा था.

और इस सब के बीच मुझे लोगो ने मंदिर में लगा हुआ घंटा समझ कर बहोत बजाया और मेरा बड़ा मजाक उड़ाया पर यकीन मानिये इस तरह से बजने का जो मजा होता है वो हर कोई नहीं समझ पता.

पहले जब लोग मेरा मजाक बनाते थे तो मुझे बड़ा ही बुरा लगता था, एक बार मैंने मेरे पिता जी से इस बारे में बात की तो उनका कहना था की बेटा हमें इस तरह से परेशान वही करते है जो हम पर अपना हक़ समझते हैं, क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को थोड़े ही चिढ़ायेंगे जो हमें जानता भी ना हो. उनका कहना था ये सब तुम्हे अपना मानते हैं इस लिए ऐसा करते हैं.

और कल निषाद और प्रतीक ने साबित भी किया की वो मुझे अपना मानते हैं जब जहा मजाक बनाया वही मेरी तारीफ भी की मेरी bloging के बारे में बता कर. और आज मै ये पोस्ट लिख रहा हूँ तो इसमें भी पूरी पुणे टीम का बड़ा योगदान है कयु की उन्होंने मुझसे कहा था की हम इसे तुम्हारे ब्लॉग पर पढेंगे भी.

जब ये सुबह का आयोजन थोडा देर से खत्म हुआ तो सिद्धार्थ( Co -Founder of InfoBeans) ने सभी को ताकीद करते हुए कहा की शाम का आयोजन देर से नहीं शुरू होना चाहिए क्यू की शाम को सभी व्यक्तियों के परिवार आमंत्रित थे और सिद्धार्थ बिलकुल नहीं चाहते थे की कोई भी बुजुर्ग या बच्चा इस देरी के कारन भूखा रहे. ये बात अपने आप में एक उदाहरण है की उनके लिए सिर्फ काम ही नहीं हमारा परिवार भी बहोत अहमियत रखता है.

इसके बाद सभी ने खाना खाया और अपने अपने परिवार को लाने के लिए भागदौड़ शुरू कर दी क्यू की शाम का कार्यक्रम परिवार के लिए था और हम तो शाम के कार्यक्रम के लिए आयोजक बन गए थे.

शाम का आयोजन पूर्ण रूप से formal परिधान वाला आयोजन था अतः मुझे भी मेरा suit पहन कर आना पड़ा हलाकि मै इसे पसंद नहीं करता हूँ लेकिन क्या करे :)
शाम का कार्यक्रम चाय और नाश्ते के साथ शुरू हुआ और रात के खाने के साथ ख़त्म हुआ लेकिन इसके बीच में जो हुआ वो सालो याद किया जा सकता है.

शाम को चाय नाश्ते के बाद जो कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हुआ तो ऐसा लगा छुपी हुई प्रतिभाओं की बहार आ गई हो

शाम के कार्यक्रम का संचालन जब कनुप्रिया और शाहनवाज खान ने किया तो वो एक अलग ही अंदाज था और फिर इस माला में पहला मोती पिरोने के लिए यामिनी, रीना और श्वेता ने सरस्वती वंदना से शुरुवात की और फिर एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियां आती रही और लोग मंत्र मुग्ध हो कर उन प्रस्तुतियों में खोये रहे.......


फिर हम चाहे अविनाश और विभा के डांस की बात करे या InfoBeans के rock band की प्रस्तुति की.
हम बात करे पुणे टीम के द्वारा दिए डांस की या विजेता के द्वारा गाए गए माँ गीत की

हम बात करे रफत ,शान और UPT (चंद्रमुखी) के यमलोक के हंसी भरे संवाद की
या बात करे धवन के द्वारा प्रस्तुत हंसी से भरपूर कविताओं और सामान बेचने की कला की

हम बात करे ऋचा और प्राची के राजस्थानी कठपुतली डांस की


या बात करे नीलम और रुचा के गुजराती या मराठी नृत्यों

या फिर हम बात करे आशीष प्रजापती के द्वारा प्रस्तुत आँखों को नम कर देने वाली कविता की

या फिर हम बात करे मितेश के द्वारा दिया गया दिल को छु लेने वाला परिवार का विवरण


और इन सब के साथ ही दो प्रस्तुतिया जो की बड़ो को भी मात दे दे वो थी अनन्या और ओजस की मन को बांध कर रख लेने वाली प्रस्तुतिया.

सब एक से बढ़ कर एक था. जहा कॉमेडी गीतों और डांस ने लोगो को हंसाया और दिल बहलाया वही
आशीष और मितेश ने परिवार और माता पिता का अहसास करते हुए लोगो की आँखों को नम कर दिया और दिलो को एक दुसरे के और नजदीक ला दिया.

पर दिलो को नजदीक लाने की बात यही पूरी नहीं हुई, इसके बाद भी बचा था परिवार को दिया जाने वाला एक ऐसा उपहार जो सभी को इस बात की याद दिलाता रहे की उनका परिवार एक बड़े परिवार का भी हिन्स्सा है जो है InfoBeans परिवार.


सभी परिवारों को उपहार स्वरुप दिया गया एक पूरे परिवार का फोटो लेकिन इस तस्वीर के साथ इन्फोबेंस परिवार के मुखिया सिद्धार्थ, मितेश और अविनाश ( Co -Founder of InfoBeans)ने ये भरोसा भी दिया की कुछ भी हो आपका परिवार और हमारा परिवार एक है, हमारी सारी खुशिया आपके साथ है और आपके किसी भी गम में हम आपसे कही दूर नहीं होंगे.
मेरा परिवार उपहार लेते हुए
और जैसा मैंने कहा की इस परिवार में सब एक है, सब सामान है किसी को भी किसी के भी पद के अनुसार मन सम्मान नहीं दिया जाता सभी के मन सम्मान एक बराबर है और मेरा ये कथन इस बात से साबित हो जाता है की इस १० वार्षिक आयोजन में जो सम्मान एक ग्रुप मेनेजर या कंपनी के मालिक के परिवार को दिया गया वही सम्मान सबसे छोटी पोस्ट कहे जाने वाली सुप्पोर्ट स्टाफ के परिवार को भी दिया गया. यह बात कहने से मेरा तात्पर्य ये है की यहाँ कोई भी छोटा बड़ा नहीं है सब समान है और ये सिर्फ कहा नहीं जाता किया जाता है

कार्यक्रमों के बाद शुरू हुआ शानदार दावत का सिलसिला लेकिन इस में भी सिद्धार्थ ने इस बात का खास ध्यान रखा की कोई भी व्यक्ति बिना खाना खाए ना जाने पाए।
कुछ ऐसे नाम जिन्हें मै पहले नहीं ले पाया था लेकिन अभी उनके बिना समापन नहीं कर सकता वो है

पहली तारीख पर होने वाली ख़ुशी को डांस के रूप में प्रस्तुत किया गया जयंती और तरुलाता एवं आशीष और सोनल की जोड़ियों का डांस


शुभा का डांस और Mr गुरु का गाना

वो हैं lovleet का डांस और UPT का standup कॉमेडी शो

अब चूंकि पारिवारिक कार्यकर्मो का सिलसिला खत्म हो चूका था stage खाली था और music system साथ था तो हमें नाचने से कौन रोक सकता था सब खूब नाचे और जो नहीं नाचा उसे जबरन नाचा गया...

यहाँ काले रंग के Suit में जो जनाब नजर आ रहे हैं वो अपना एक पैर प्लास्टर के साथ लाये थे और उन्हें सिद्धार्थ अपने हांथो में उठा कर nachane le गएथे । निचे के तस्वीर में


मै शायद बहोत कुछ लिख सकता हूँ अभी भी यदि मै इसी पोस्ट को फिर से लिखना शुरू करूंगा तो, लेकिन समय इस बात की इजाजत नहीं देता की मै और लिखू..

मैंने कोशिश करी है की मै सभी की प्रस्तुतियों के बारे में जरूर लिखूं लेकिन इतने विस्तृत आयोजन के एक एक अंश को याद रख कर लिख पाना मेरे जैसे तुछ प्राणी के बस की बात नहीं है अत: मै उन सभी से माफ़ी मांगना चाहूँगा जिनके बारे में मै लिख नहीं पाया

अंत में यही कहूँगा की ये आयोजन ना केवल हमारे बल्कि हमारे परिवारों के लिए भी एक जीवन पर्यंत याद रखने वाला आयोजन हो गया
मै Entertainment comity के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए मेरे इस लेख का समापन करूंगा क्योंकि बिना इन सदस्यों के कठिन परिश्रम के यह आयोजन संम्पन होना असंभव था

3 comments:

Ashish Prajapati said...
This comment has been removed by the author.
Ashish Prajapati said...

Excellent blog, every bit of details covered in a rich language

Flexter said...

Great Event with you and your family.

All The Best AP and keep going with lots of Enthusiasm.